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मौसम की पहली बरसात



कई दिनों से सूरज की आंच में
तप रही थी धरती
तवे पर रोटी की तरह पक रहे थे प्राणी
बादलों को जरूर इन पर तरस आया होगा
अपनी सेना लेकर आ गए मैदान में
दे दी सूर्य को चुनौती
घबराकर रोने लगा भाष्कर
और मोतियों की तरह
गगन से गिरने लगी बंूदें
गर्मी से विकल मानव
निकल आया घरों से
रिमझिम बरसात में चुराने लगा नमक
पसीने के रूप में जिसे
छीन लिया था सूरज ने

Comments

रिमझिम बरसात में चुराने लगा नमक
पसीने के रूप में जिसे
छीन लिया था सूरज ने
....बढिया शब्दचित्र।
....लेकिन बरसात के बाद पहली बारिश?
Udan Tashtari said…
बहुत बेहतरीन!!!

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